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बिना थाना प्रभारी की अनुमति के बिना उत्तराखंड गए तीन पुलिसकर्मी हुये लाइन हाजिर - बदायूँ
Published at: Sep 9, 2024 at 08:33 AM
ये बात है बदायूँ में पढने वाले सिविल लाइन थाने की जिसमें था एक संतोष गंगवार नाम का सिपाही जो आजकल साइबर क्राइम से संबंधित मामले देखता था। इसके ऊपर काई बार लेन-देन के आरोप भी लगते रहे हैं। एक बार खुद सदर विधायक महेश चंद्र गुप्ता ने एक पीड़ित को इसके पैसे वापस दिलवाए थे किसी मामले में। यह सिपाही सिविल लाइन थाने में पिछले 1 साल से तैनात है। पिछले महीने ही शहर के एक व्यापारी के यहां से 1800000 की ठगी हो गई थी जिसकी जांच थानाप्रभारी ने संतोष नाम के सिपाही को दे रेखा थी। सिपाही ने जब बारिकी से जांच करी तो उसे पता चला कि ठगी करने वाले उत्तराखंड में रुद्रप्रयाग के यहां से जुड़े हैं जिसके लिए उसे वहां पर जाना जरूरी था और उसने अपने साथ एक सिपाही को भी ले गया पर उसने गलती कर दी कि उसने सारे मामले की जानकारी थानाप्रभारी को नहीं दी थी और वह उसकी अनुमति के बिना वहां से चला गया। रुद्रप्रयाग पहुंचने के बाद सिपाही संतोष ने क्राइम इंस्पेक्टर को भी वहां पर बुला लिया और तीनो वहां पर पहुंच गए। जब इस मामले की भनक थानाप्रभारी को लगी कि उसके थाने के तीन कर्मचारी उसकी अनुमति के बिना उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में जांच करने के लिए गए हैं तो उसने सारा मामला एसएसपी को बता दिया जिसे एसएसपी ने डीएसपी उझानी को जांच दी जिसे जांच की रिपोर्ट के आधार पर तीनों को लाइन हाजिर कर दिया गया। अब तीनों कर्मचारियों के उपर एसएसपी ने विभाग के माध्यम से कार्यवाई की जांच बिठा दी है जांच में आने वाले तथ्यों के ऊपर आगे कार्यवाई कारी जाएगी।